उमरीखेड़ा स्थित चमेली देवी इंस्टिट्यूशन सेंटर के मालिक संजय अग्रवाल कर रहे मजदूरो की अनदेखी नही दी जा रही हे मजदुरी। मजदूरों के हक में राकेश यादव जिला पंचायत सदस्य करणी सेना के प्रदेश संगठन मंत्री मानसिह राजावत व अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा अमेठी जिला अध्यक्ष शुभम सिंह तोमर अपनी टीम को लेकर मजदूरों के हक के लिए 25 मई को रोड पर उतरेंगे यदि 25 मई के पहले मजदूरों को न्याय नहीं मिला तो कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ रोड पर मजदूरो को अपना हक मांगने के लिए रोड पर आना पड़ेगा जिसका नेतृत्व राकेश यादव, मान सिंह राजावत,शुभम सिंह तोमर करेंगे पिछले दिनो कॉलेज प्रबंधक ने राकेश यादव व मजदूरों को बात करने के लिए बुलाया मगर ऐन वक्त पर गेट में ताले लगा मिलने से इनकार कर दिया गया।
मजदूर जनप्रतिनिधि व मीडिया कर्मी करीब 2 घंटे तक परेशान होते रहे संजय अग्रवाल जैसे उद्योगपति के लिए मजदूर जनप्रतिनिधि व मीडिया कर्मी कोई मायने नहीं रखते हैं।मजदूरों ने जानकारी में बताया कि हम 70मजदुरो को 2 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है जिसकी वजह से सभी मजदूर परिवारों पर भूखे मरने की नौबत आ गई है इस वजह से आज सभी मजदूर न्याय की गुहार लगाने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं और यह जानकारी राकेश यादव जिला पंचायत सदस्य व मानसिंह रजावत को लगी तो उन्होंने उन्हें आश्वस्त किया कि हम पूरी कोशिश करेंगे आप लोगों को मजदुरी दिलाने की और राकेश यादव ने सुश्री विधायक उषा ठाकुर जी से मजदूरों को मिलवाया और मजदुरो ने अपनी पीड़ा उषा ठाकुर जी को सुनाई गई उन्हे बताया कि हम लोग काफी वर्षो चमेली देवी कॉलेज मे मजदुरी करते आ रहे हैं करिब 2 माह से वेतन नही गया है विधायक महोदया ने सारी जानकारी प्राप्त करने के बाद आश्वस्त किया कि मैं बहुत जल्दी आपको न्याय दिलवाऊंंगी व इस बारे मे कलेक्टर साहब को अवगत कराऊंगी व मुझ( प्रकाश बोरसीे)से कह कि उमरी खेड़ा के जो मजदूर हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उनकी लिस्ट बनाकर मुझे दो ओर जो अपात्र लोग हैं और जिनके पास राशन कार्ड है उनकी लिस्ट भी बना कर भेज दो ताकि उनके राशन कार्ड निरस्त करवाए जाएं ताकि पात्र लोगों को राशन मिल सके।ग्राम कनाड राकेश यादव जी के निवास स्थान के समीप काफी संख्या में क्षेत्रवासी एकत्रित हुए थे सभी से रूबरू होते हुए उनकी समस्याओं को सुना हुआ नोट किया व सभी का निराकरण करने का वादा किया। सभी क्षेत्रवासी सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखा। गाड़ी से उतरते ही सभी को मोदी जी के संदेश से अवगत कराया कि 2 गज की दूरी बनाकर रखें।जाते-जाते सभी समाजसेवीयो का शुक्रिया अदा किया जो कोविड- 19 कोरोनायरस महामारी की वजह से गरीब मजदूर जरुरत मंदो को भोजन राशन जूते-चप्पल वअन्य सामग्री वितरित कर रहे हैं उन सभी समाजसेवी को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया कहा की आप सभी लोग जिन्होंने इंसानियत का परिचय दिया है यह काबिले तारीफ है और इन चीजों के लिए शब्द नहीं है जो कार्य आप लोगों ने प्रवासी मजदूरों के लिए किया है ।आज देखा जाए तो कई समाजसेवी इंदौर में जरूरतमंदों की सेवा कर रहे हैं भले ही वह अपने कर्मचारी नहीं हो मगर इंसानियत का फर्ज निभा रहे हैं जरूरतमंदों को निशुल्क राशन भोजन उपलब्ध करा रहे मगर कुछ तानाशाही प्रकार के लोग भी हे जो कि मजदूरों की मदद तो दूर उनका हक मार रहे हैं और देखा जाए तो अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों मे यही हो रहा ह कई जगह मजदूरों का शोषण हो रहा है सरकार ने जो मजदूरों के लिए नियम निर्धारित किए हे उसके हिसाब से कोई सुविधा नहीं दी जा रही है और 8 घंटे की जगह 12 घंटे काम लिया जा रहे हो सरकार ने जो मजदूरी की तय की गई है उस हिसाब से भी पैसा नहीं दिया जाता 3000 रुपए महीना मजदूरी दी जाती है।
मजदुरो ने बताया कि मार्च माह में वेतन किया गया था उस समय हमसे कुछ कागजों पर साईन करवाई गई थी उसमें बताया गया कि ऐसा लिखा था कि आप लोग आज से छुट्टी पर हैं ।चमेली देवी के मजदूरों ने कई जगह मदद की गुहार लगाई व प्रशासन को भी इस से अवगत कराया गया मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। कोई मजदूर घायल वगैरा भी होता है तो उसे अपने ही पैसे से इलाज करवाना होता है या तो फिर मजदूर लोग पैसा एकत्रित करके उस व्यक्ति की मदद करते हैं मगर कालेज प्रबंध का इन चीजों से उन्हें कोई मतलब नहीं रहता है और आज ग्रामीण क्षेत्र के मजदूर परिवार का पालन पोषण करने के लिये मजदुरी करना पड़ता है उसका ऐसे लोग भरपूर फायदा उठाते हैं यदि कोई मजदूर ज्यादा आवाज उठाता है तो उसकी आवाज दबा दी जाती है जो मजदूर उनके हिसाब से काम करते हैं उन्हें एंट्री दी जा रही है जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन से निवेदन है कि ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए व गरीब मजदूरों को उनका हक दिलवाया जाए ताकि कोई गरीब मजदूर बड़ा कदम ना उठा पाए वरना भूखा मरता क्या न करता वाली कहावत चरितार्थ हो जाएगी क्योंकि आज संकट की घड़ी में मजदूरों ने भी चेतावनी दी है कि यदि हमे न्याय नही मिला तो हम भुखहड़ताल कर सकते हैं क्योंकि घर पर भूखे मरने से तो अच्छा है कि न्याय के लिए भूखे मरे ताकि ऐसे लोगों को सबक मिले और दूसरे मजदूरों का शोषण बंद हो जाए हमारा प्रशासनिक अधिकारियों से निवेदन है कि हमारे साथी गरीब मजदूरों को न्याय दिलवाऐ व हमें जो सरकार की ओर से मजदुरी सुनिश्चित की गई है वह हमें दिलाई जाए व जो मजदूर लोगों के लिए सरकार ने सुविधाएं दी गई है वह भी इन लोगों से हमें दिलाई जाए ताकि हम भी एक अच्छा जीवन जी सके।व कोविड-19 कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश मे लॉक डाउन लगा है उस स्थिति में जो प्रशासन ने मजदूरों के लिए गाइडलाइन जारी की है उस आधार पर कार्रवाई होना चाहिए व मजदूरों को उनका हक मिलना चाहिए ।