रालामंडल बायपास डिंपल गार्डन नर्सरी पर समाजसेवा का जज्बा देखते ही बनता है। कोविड-19 कोरोनावायरस महामारी के चलते आज सारा देश लॉक डाऊन की स्थिति में हैं मजदूर वर्ग इससे ज्यादा हताहत हुआ है और जो मजदूर यूपी बिहार के अन्य प्रदेशों में मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रहे थे उन्होंने सोचा भी नहीं था कि ऐसे हालातों का सामना करना पड़ेगा।प्रदेश के लोग हमारा ऐसा तिरस्कार हमें हमारे हाल पर छोड़ देंगे।
सुविधा से वंचित कर दिया जाएगा हजारों किलोमीटर का सफर भुखे ही तय करना होगा। राहगीरों की परेशानियों को देखते हुए।श्रीअतुल शर्मा, श्री राकेश श्री गोकुल बारोड़, श्री सतीश अग्रवाल, ने पिछले हफ्ते देशी नास्ता सेंव परमल राजगिरा के लड्डू चना चिरौंजी से की थी।देखते ही देखते जिस प्रकार से एक पौधा व वृक्ष बनता वैसे समाज सेवा ने एक बड़ा रुप ले लिया ईसमे कई समाजसेवी( श्री मनोज पारीख, श्री राजकुमार, गुप्ता, श्री मनोज गुप्ता, मित्र मंडली एवं परिवार के लोग) जुड़ गए और उसके बाद हजारों की संख्या में पानी की बोतलें छांछ, बिस्किट जुते चप्पल राहगीरों को बांटा जाने लगा छोटे वाहनों में लोगों को एक पानी की बॉटल का पैकेट बड़े लोडिंग बड़े वाहनों में पानी की बाटल के दो पैकेट व बिस्कुट बांटने का सिलसिला दिन भर चलता है।
वाहनो को विनम्रता के सांथ रोकने की पूरी कोशिश की जाती हे। मोटरसाइकिल वाले राहगिरो को हेल्थ ड्रिंक भी पिलाई जा रही है जिसमें यह भी ध्यान रखा जाता है की गाड़ी कहां की है क्योंकि यहां के लोकल लोग काफी परेशान करते हैं बार-बार सामग्री लेने आते हैं। प्रशासन से भी निवेदन है कि कृपया इस और ध्यान दें क्योंकि हमारा उद्देश्य सिर्फ प्रवासी मजदूर जो कि भूखे प्यासे सफर कर रहे हैं उन्हें यह सामान उपलब्ध कराना है ।सभी समाजसेवियों में जज्बा उमंग उत्साह अलग ही नजर आता है।राहगिरो की सेवा करने के बाद सभी के संतुष्टि अलग ही नजर आती है अपने आप को फक्र महसूस होता है कि आज हम किसी की भुख ओर प्यास मिटा सके एक अलग सुकून महसूस होता है ।इसके पहले सभी के दिल में एक कसक रहती थी की किस प्रकार से भूखे प्यासे बच्चे बूढ़े सफर तय कर रहे हैं जिसमें कइयो के पैरों में चप्पल नहीं है और ऐसा भी नहीं कि दो-चार 5 किलोमीटर का सफर सफर भी सैकड़ों किलोमीटर का आज इन लोगों के लिए कोशिश की हमने व हमारी मित्र मंडली ने।
जिससे संतुष्ट होकर सभी राहगीर धन्यवाद दे रहे हैं सभी को धन्यवाद देते नहीं थक रहे हैं।राहगीरों ने बताया हम सभी भगवान भरोसे सफर पे निगल गये थे क्या होगा कैसे भुखे प्यासे हजारो किलोमीटर का सफर तय करेंगे बच्चों का क्या होगा।।मगर यह सोचा भी नहीं था की इंदौरी के लोग इस प्रकार से हमारा सहयोग करेंगे ।क्योंकि कई जगह हमें किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली कई जगह पानी होते हुए भी हमें पानी नहीं भरने दिया मार के हमें भगा दिया गया और हमें इंदौर में हमारा इतना ध्यान रखा जा रहा है हम बहुत-बहुत आभारी हैं आप सभी लोगों के।" प्रकाश की दुनिया ,,अखबार परिवार की ओर से सभी समाजसेवियों को बहुत-बहुत धन्यवाद प्रकाश बोरासी 7974098950